नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सोनिया गांधी की कांग्रेस से मिलकर बना बिहार महागठबंधन बुधवार (२६ जुलाई, २०१७) को बिखर गया. बुधवार शाम नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर पद से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सार्वजिनक तौर पर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसलिए मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ रहा है. राज्यपाल को इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही नीतीश के दोबारा भाजपा के साथ सरकार बनाने की खबर सामने आईं. गुरुवार सुबह (२७ जुलाई, २०१७) को ऐसा हुआ भी. और नीतीश ने छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दोबारा भाजपा के साथ गठबंधन पर कई ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी. इस कड़ी में अब एक नाम और जुड़ गया है. इस बार मशहूर टीवी पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट कर नीतीश-भाजपा गठबंधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. गठबंधन पर तंज कसते हुए बरखा दत्त ने लिखा, ‘लालू तब भी भष्टाचार के दोषी थे जब नीतीश ने उनके साथ गठबंधन किया था? बात सिर्फ भ्रष्टाचार की नहीं है अब. और ना ही धर्म निरपेक्षता की रह गई है. ये राजनीति है.’
Lalu was convicted of corruption when Nitish allied with him? This is not about corruption now, wasn’t about secularism then. It’s politics https://t.co/CwHdXXzJGI — barkha dutt (@BDUTT) July 26, 2017
Lalu was convicted of corruption when Nitish allied with him? This is not about corruption now, wasn’t about secularism then. It’s politics https://t.co/CwHdXXzJGI
— barkha dutt (@BDUTT) July 26, 2017
इस पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है. पत्रकार राहुल कंवल ने लिखा, ‘नीतीश ने लालू के साथ काम करने की कोशिश की. लेकिन गुड गवर्नेंस लालू के रहते नामुमकिन थी. इसलिए उन्होंने कम बुराई वाली छवि को चुना. वो अपनी छवि को मैला नहीं करना चाहते थे.
Nitish tried to work with Lalu. Figured good governance was impossible with RJD. Picked the lesser evil. Didn’t want to sully his image. — Rahul Kanwal (@rahulkanwal) July 27, 2017
Nitish tried to work with Lalu. Figured good governance was impossible with RJD. Picked the lesser evil. Didn’t want to sully his image.
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) July 27, 2017
आदी लिखते हैं, ‘मैडम हमेशा आपके नजरिए का सम्मान करते हैं.’ निराग लिखते हैं, ‘२०१९ में देश का प्रधानमंत्री कौन होगा इसका जवाब जानने के बजाए लोग सवाल करेंगे क्या २०१९ तक कोई विपक्षी बचेगा.’
Always respect you Madam for your bold views. — Adhi (@adhikesava) July 27, 2017
Always respect you Madam for your bold views.
— Adhi (@adhikesava) July 27, 2017
Instead of who will be the PM in 2019 everyone’s question will be will there be an opposition in 2019 — Niraag® S 🏏 (@niraag69) July 26, 2017
Instead of who will be the PM in 2019 everyone’s question will be will there be an opposition in 2019
— Niraag® S 🏏 (@niraag69) July 26, 2017
एक यूजर लिखते हैं, ‘लोगों को मालूम होना चाहिए कि लोकतंत्र में मजूबत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है.’ सोनाली लिखती हैं, ‘अपने तीन साल के कार्यकाल में पीएम मोदी की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ. नीतीश कुमार ने मोदी के साथ आकर निश्चित तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है.’ नरपत सिंह लिखते हैं, ‘तो आप भष्टाचार का समर्थन करती हैं. आप साफतौर पर देश विरोधी और भ्रष्ट लोगों का समर्थन करती हैं.’
In 3 yrs,Modiji has given a clean,zero-scam govt#NitishKumar ‘s realignment with BJP is definitely a stand against corruption — Shonali Sinha Naik (@ShonaliNaik) July 26, 2017
In 3 yrs,Modiji has given a clean,zero-scam govt#NitishKumar ‘s realignment with BJP is definitely a stand against corruption
— Shonali Sinha Naik (@ShonaliNaik) July 26, 2017
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