आतंकवाद के मुद्दे पर हमेशा कड़ा रुख दिखाने वाले इजरायल ने वही तेवर दिखाएं हैं. इस बार खास बात ये है है कि उसने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है. इजरायल का यह बयान भारत के दृष्टिकोण से काफी महत्व रखता है, क्योंकि अब तक कश्मीर मामले को लेकर इजरायल कुछ भी बोलने से बचता रहा है. लेकिन अब उसने इस मामले में खुलकर अपना पक्ष रखा है. गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल यात्रा पर गए थे. यही नहीं इजरायल की यात्रा पर जाने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इजरायल की यात्रा नहीं की थी. ऐसे में इजरायल के रुख में ये बदलाव भारत के लिए काफी अहम है.
कश्मीर मुद्दे पर किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा- कश्मीर के मुद्दे पर इजरायली अथॉरिटीज ने कहा कि भले ही जम्मू-कश्मीर में किसी भी तरह की परिस्थितियां हों, वह किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली अधिकारियों ने यह बात अमेरिकी यहूदी समिति की ओर से आयोजित भारतीय पत्रकारों और राजनेताओं के इजरायल दौरे के वक्त पूछे गए सवाल के जवाब में कही.
इंडिया के वेस्ट एशिया एक्सपर्ट राजेंद्र अभ्यंकर के मुताबिक २००३ में पाकिस्तान को लेकर इजरायल की पॉलिसी में थोड़ा बदलाव हुआ था. इसके बाद से ही इजरायल पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश के रूप में देखने लगा था.
२००३ में भारत आए इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन ने कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं कही थी. अभी जब हाल में पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा पर गए थे, तब भी वहां साझा बयान के दौरान जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर कुछ खास नहीं कहा गया था. भारत के लिए सीमा पार से आतंकवाद ही सबसे प्रमुख मुद्दा रहा है, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में अक्सर तनाव रहता है. भारत इसके लिए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराता रहा है.
आपको बता दें कि ९० के दशक में भारत ने इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे. तब से ही इजरायल का यह पक्ष रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. लेकिन अब तक कश्मीर मामले पर इजरायल चुप ही रहा है.
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