मध्य प्रदेश में आठवीं कक्षा की संस्कृत पुस्तक में बच्चों को नया इतिहास पढ़ाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक “१९६२ के Sino-India युद्ध में भारत ने चीन के खिलाफ जीत हासिल की थी”, यह पढ़ाया जा रहा है संस्कृत की “सुकृतिका” नाम की पुस्तक में. इस पुस्तक का प्रकाशन लखनऊ स्थित कृतिका प्रकाशन द्वारा किया गया है. पुस्तक को पांच लेखकों द्वारा लिखा गया है, जिनमें से दो, प्रोफेसर उमेश प्रसाद और सोमदत्त शुक्ला की मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा इस पुस्तक के लेखकों में मधु सिंह, ललिता सेंगर और निशा गुप्ता के नाम भी शामिल हैं.
खबर के अनुसार, किताब में लिखा है, “जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के समय चीन ने भारत के खिलाफ साल १९६२ में युद्ध छेड़ दिया था. नेहरू के प्रयासों से भारत ने चीन को हरा दिया था.” वहीं इस मामले को लेकर प्रकाशक समुह से बात करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. बता दें पुस्तकों में से इतिहास में बदलाव करने का यह पहला मामला नहीं है. हाल ही में महाराष्ट्र में भी इतिहास की स्कूली पुस्तकों में काफी बदलाव किए गए हैं. महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने इतिहास के पाठ्यक्रम में से मुगल साम्राज्य से जुड़े अध्यायों को हटाना शुरू कर दिया. इस साल के लिए बोर्ड द्वारा संशोधित किताबों में स्कूल की ७वीं से ९वीं कक्षा तक के छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम में मराठा साम्राज्य पर जोर दिया गया है जबकि मुगल साम्राज्य पाठ्यक्रम से नदारद है.
महाराष्ट्र में ७वीं कक्षा की किताब में से उन अध्यायों को हटाया गया है जिनमें मुगल और रजिया सुल्तान और मोहम्मद बिन तुगलक जैसे मुस्लिम शासकों का जिक्र था. पाठ्यक्रम में ताज महल, कुतुब मिनार और लाल किला जैसे स्मारकों का भी जिक्र नहीं है. इसके अलावा महाराष्ट्र की किताब में रुपया को लेकर भी कोई जानकारी नहीं है. रुपयो को जिसे अफगान आक्रांताओं द्वारा जारी किया गया था. वहीं बीते महीने राजस्थान सरकार ने भी महाराणा प्रताप का इतिहास बदल दिया था. “महाराणा प्रताप ने अकबर को १५७६ में हल्दीघाटी की लड़ाई में हराया था”, यह जानकारी राजस्थान में १०वीं कक्षा के छात्रों के लिए तैयार की गई नई सोशल साइंस की किताब में दी गई.
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