पीएसयू, बीमा कंपनियों और सरकारी बैंकों के अधिकारियों के बच्चे अब ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे. ऐसी कंपनियों-संस्थाओं में अब नीचे के स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को ही ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी पदों के साथ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों, बीमा कंपनियों में पदों की समतुल्यता तथा ओबीसी के आरक्षण लाभ दिए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
इसके साथ ही केंद्रीय नौकरियों की तरह पीएसयू में भी निचली श्रेणी में कार्य कर रहे कर्मचारियों के बच्चों को क्रीमीलेयर का दायरा ६ लाख से ८ लाख बढ़ाने का लाभ मिलेगा. यह प्रस्ताव बीते २४ साल से लंबित था. कैबिनेट की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार सामाजिक न्याय के तहत ओबीसी के सभी तबकों को लाभ पहुंचाने के लिए कृत संकल्प है.
इस फैसले के बाद केंद्रीय सेवाओं की तरह पीएसयू सहित अन्य संस्थाओं में निम्न श्रेणियों में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों के लिए ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रशस्त होगा. पीएसयू और ऐसे ही संस्थानों में कार्यरत अधिकारियों के बच्चों को ओबीसी आरक्षण का लाभ हासिल होने पर रोक लगेगी.
क्योंकि इससे पहले ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को दरकिनार कर आय मापदंडों की गलत व्याख्या और पदों की समतुल्यता के अभाव में गैर क्रीमीलेयर मान लिया जाता था. इस कारण वास्तव में गैर क्रीमीलेयर उम्मीदवार इस सुविधा से वंचित रह जाते थे.
इससे पहले भी मोदी सरकार ने ओबीसी को साधने के लिए कई तरह की पहल की है. कैबिनेट की पिछली बैठक में ओबीसी कोटे में कोटे की व्यवस्था के लिए आयोग के गठन के साथ ही क्रीमी लेयर की सीमा को ६ लाख से बढ़ा कर ८ लाख रुपये कर दिया था. सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का निर्णय ले चुकी है. हालांकि अभी इस फैसले के लागू होने में संसद की बाधा बरकरार है.
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